मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ”11 मामलों में” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
सीनियर ले रहे जूनियर की रैगिंग, प्रताड़ना से तंग आकर जूनियर छात्र छोड़ रहे हॉस्टल
इंदौर जिले के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रा द्वारा जूनियर छात्रों से रैगिंग करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रैगिंग से त्रस्त जूनियर छात्रों ने सोशल मीडिया पर ‘प्लीज हेल्प मी’ नाम से एक अकाउंट बनाया है और लिखा है कि यदि इंदौर में कहीं रावण की लंका है तो एमजीएम कॉलेज का बॉयज हॉस्टल है। छात्रों का कहना है कि सीनियर उन्हें घंटो-घंटो तक सिर झुकाकर खड़ा रखते है और प्रताड़ित भी करते है। रैगिंग की प्रताड़ना से परेशान होकर कई छात्रों ने हॉस्टल भी छोड़ दिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इंदौर एवं डीन एमजीएम, मेडिकल कॉलेज, इंदौर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। साथ ही पीडित छात्रों के कथन लेकर, सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराये गये वीडियो की जांच एवं छात्रों के हॉस्टल छोड़ने की परिस्थितियों पर समग्र रूप से विचार करके प्रतिवेदन मांगा है।
खलिहान मे लगी आग, लाखों का हुआ नुकसान
मंडला जिले के ग्राम पंचायत बरबटी के पोषक ग्राम गाडादेवरी में खलिहान में अज्ञात कारणों से आग लगने से एक गरीब किसान की लाखों रूपये की धान जलकर राख होने का मामला सामने आया है। किसान ने इसकी शिकायत प्रशासन को दी और मुआवजा दिलाने की मांग भी की है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर पीड़ित परिवार को शासन की योजना अनुसार देय आर्थिक मुआवजा राशि के संबंध में प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
शाला और आंगनबाड़ी में भोजन करने के बाद बिगड़ी 19 बच्चे की तबीयत
मंडला जिले के भानपुर प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी स्कूल में 19 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बच्चों ने पहले स्कूल में भोजन किया, इसके बाद घर पहुंचने पर उन्हें उल्टी होने लगी। इसके बाद परिजनों ने बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां बच्चों का इलाज जारी है। इस संबंध में बच्चों के परिजनों ने शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही होने की एवं भोजन की गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिये जाने की बात भी कही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
अनाथ अपाहिज आवेदक ने की विकलांग पेंशन की मांग
अशोकनगर जिले के ग्राम चिनकोपुर तहसील के मुंगावाली में रहने वाले एक 20 वर्षीय अनाथ असहाय अपाहिज व्यक्ति की विकलांग पेंशन नहीं मिलने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अनाथ असहाय विकलांग आवेदक कलेक्ट्रेट कार्यालय मे जनसुनवाई के दौरान अपनी शिकायत लेकर पहुंचा और विकलांग पेंशन की मांग की। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, अशोकनगर से मामले की जांच कराकर पीड़ित दिव्यांग के संबंध में शासन की योजना अनुसार देय लाभ/सुविधा के लिये की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
कक्षा में सोते रहे मास्साब, बच्चे खेलते रहे बाहर
विदिशा जिले के ग्राम भोजपुर के सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों के स्कूल समय में कक्षा में सोने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वायरल वीडियो में स्कूल के कक्ष में ही दो शिक्षकों के सोते नजर आ रहे है। शिक्षकों के सोने पर बच्चे बाहर खेलते नजर आ रहे है। ऐसे लापरवाह शिक्षकों की वजह से बच्चों के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है। बच्चों को मिलने वाली शिक्षा पर भी इसका असर हो रहा है क्योंकि अगर शिक्षक ही स्कूल के समय में कक्षा में सोते नजर आएंगे तो बच्चों को शिक्षा कैसे और कहा से मिलेगी। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, विदिशा से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही तथा स्कूल में शिक्षक कार्य वास्तविक रूप से से हो यह सुनिश्चित करने के संबंध में प्रतिवेदन 15 दिनों में मांगा है।
डॉक्टर ने मरीज से कहा कि वार्ड में रहोगे तो टीबी हो जाएगी, और छुट्टी दे दी
छिंदवाड़ा जिले के मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में पैरों में गैंग्रीन से जूझ रहे मरीज को डॉक्टर द्वारा सर्जिकल वार्ड से छुट्टी देने एवं वार्ड में ज्यादा दिन रहने पर टीबी होने की बात कहने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मरीज अस्पताल परिसर में पड़े रहने को मजबूर है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, छिंदवाड़ा से मामले की जांच कराकर त्रुटि कर्ता के विरूद्ध कार्यवाही एवं मरीज को अस्पताल में भर्ती कर ईलाज की समुचित व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिनों में मांगा है।
कच्चे टूटे मकान में रहने को मजबूर वृद्धा
जबलपुर जिले के महर्षि अरविंद वार्ड छुई मोहल्ला निवासी एक वृद्धा को कच्ची मिट्टी के टूटे हुये घर में रहने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नगर निगम की तरफ से सर्वे हुआ था, जिसमें अधिकारियों ने वृद्धा के घर के लिये 15000 रूपये मुआवजा तय किया था, परंतु अभी तक यह राशि नहीं मिली है। इस कारण वृद्धा को कच्चे टूटे मकान में रहना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
खेल मैदान में बह रहा नाली का दूषित पानी
जबलपुर जिले के कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल सिहोरा में स्कूल के खेल मैदान में नाली का दूषित पानी बहने का मामला सामने आया है। स्कूल भवन से संलग्न प्रवेश द्वार का कार्य भी अधूरा पड़े होने से स्कूल में असुविधाएं हो रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर से मामले की जांच कराकर कन्या शाला भवन की स्थिति के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
स्कूल की जमीन पर बस गया गांव, जमीन पर किया कब्जा
जबलपुर जिले के बरगी रोड स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल की आधी से ज्यादा भूमि पर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्कूल के रिकॉर्ड में जितनी वर्गफिट जमीन दर्ज है, उसमें से आधी से ज्यादा भूमि एवं मैदान पर अवैध कब्जा कर घर एवं दुकान बना लिये गये है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर से मामले की जांच कराकर स्कूल की जमीन की सुरक्षा एवं उसके स्कूल की गतिविधियों में ही उपयोग को सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
महीनों से नहीं जोड़ पाये पाइप लाइन, पानी के लिये लोग परेशान
जबलपुर शहर के वार्ड नंबर 13,14 एवं 16 में समाहित शंकर कॉलोनी में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइन की टेस्टिंग न करने एवं पाइपलाइन को नहीं जोड़ने के कारण रहवासियों को पेयजल की समस्या से जुझना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ठेकेदार द्वारा बार-बार पाइपलाइन जोड़ने एवं टेस्टिंग करने का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्यवाही न होने के कारण रहवासियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ रही रात, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
जबलपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे एवं फुटपाथ पर रहने वाले गरीब एवं असहाय लोगों को रात के समय ठंड में खुले आसमान के नीचे सोना एवं अपना गुजारा करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गरीबों के रूकने के लिये शहर में रैन बसेरा बनाए गये है, जिसमें जरूरतमंद लोगों को आश्रय मिल सके। इसके बावजूद गरीब एवं असहाय लोगों को ठंड में खुले आसमान के नीचे अपना गुजारा करना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर सर्दी में शहर में विभिन्न स्थानों पर खुले में सो रहे व्यक्तियों के संबंध में सुरक्षित व्यवस्था कर उपलब्ध रैन बसेरों में शिफ्ट किये जाने की व्यवस्था के संबंध में प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।