मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ’चैदह मामलों में’ संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
अधूरा छोड़ दिया नाला, घरों में घुस रहे जहरीले जीव-जंतु
जबलपुर जिले के साईंधाम कालोनी, नानक नगर मानेगांव में सालभर पहले एक नाले का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन इसे बीच में अधूरा छोड़ दिया गया। यही वजह है कि अब अधूरे पड़े नाले से जहरीले साँप, बिच्छू और गुहेरा घरों में घुस रहे हैं। इस स्थिति में आधा सैकड़ा परिवार खासे परेशान हैं। कई बार शिकायतें करने के बावजूद संबंधित अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
40 साल बाद भी बीच शहर में नहीं पहंुच पाया नर्मदा का जल
जबलपुर जिले में नर्मदा जल शहर के कौने-कौने में तो पहुँच गया, लेकिन बीचों-बीच स्थित करमचंद चैक से लगे गोदावरी अपार्टमेंट मोहल्ला और हवाला गली के लोग आज भी इससे मोहताज हैं। यह पूरा क्षेत्र अभी भी बोरिंग का पानी ही पीने मजबूर है। नगर निगम के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है, तभी तो यहाँ नर्मदा जल देने के लिए पाइप लाइन बिछा दी गई, लेकिन महीनों बाद भी उससे कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
खुद को जिंदा साबित करने तीन साल से एडियां रगड़ रहा व्यक्ति
रीवा जिले के डभौरा नगर परिषद के वार्ड क्रमांक-एक अंतर्गत मझियारी गांव निवासी जगदीश कुशवाहा तीन साल पहले शासकीय रिकार्ड में मृत घोषित किए जा चुके हैं। इस वजह से उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे लगातार दफ्तरों के चक्कर काट कर यह बता रहे हैं कि मै जिंदा हूं। जगदीश बताते हैं कि सन् 2021 से उसे मृतक घोषित किया गया है। इसकी जानकारी उस समय हुई, जब वृद्धावस्था पेंशन बंद होने की जानकारी लेने नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि मृत्यु हो जाने के कारण वद्धा पेंशन बंद कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर रीवा से मामले की जांच कराकर श्री जगदीष कुषवाह के संबंध में तत्काल उचित कार्यवाही कराकर वृद्धावस्था पेंषन प्रारंभ कराने एवं पूर्व के एरियर्स के भुगतान के संबंध में प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
कचरे और जमीन पर पड़े बेजान जिस्म
जबलपुर शहर में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आम नागरिकों को इलाज मुहैया कराने की बातें तो बहुत होती हैं, मगर हकीकत में इलाज व्यवस्था कैसी है, कचरे और जमीन पर पड़े इन बेजान जिस्मों को देखकर समझी जा सकती है। ये वो लोग हैं जिन्हें अस्पताल की जमीन तो नसीब हुई, परंतु इलाज नसीब नहीं हुआ। सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया) में करोड़ों का कायाकल्प चल रहा है। वहाँ जरूरतमंदों को इलाज के नाम पर दवा तक नसीब नहीं हो पा रही है। मीडिया द्वारा इन बदनसीबों की टोह ली तो मानवता को झकझोर देने वाले दृश्य देखने को मिले। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
देवरी मुक्तिधाम के चारों ओर खुले पड़े हैं मौत के कई मुहाने
जबलपुर जिले के बरने नदी किनारे स्थित ग्राम कटरा में रेत की अवैध खदान में हुए हादसे के बाद भी प्रशासन अब तक नहीं चेता है। जिस खदान में हादसा हुआ, उसे और उससे लगीं कुछ खदानों को तो दूसरे-तीसरे दिन मिट्टी व मुरुम आदि डाल कर बंद करा दिया गया लेकिन रमखिरिया पुल से लेकर कटरा और उससे आगे देवरी तक कदम-कदम पर खोद दी गईं रेत में की अवैध खदानों को बंद नहीं कराया गया है। सबसे खतरनाक स्थिति कटरा से सटे देवरी गांव में है जहां बरने नदी किनारे स्थित मुक्तिधाम और इसके करीब आधा किलोमीटर के हिस्से में 50 से अधिक मौत की खाइयां खुदी पड़ी हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर जबलपुर से मामले की जांच कराकर वर्षाकाल में अधिक जोखिमपूर्ण स्थिति आवष्यक सुरक्षा उपायों के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
चोरीताल में सड़क किनारे खुले मौत के चैंबर, आए दिन हो रहे हादसे
जबलपुर जिले के चेरीताल में सड़क किनारे खुले चैंबर आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों में यहाँ लगातार हादसे सामने आए हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इनकी ओर नहीं है। जानकारी के अनुसार चेरीताल में गोपाल आर्केड के सामने कुछ दिनों पहले फ्लाईओवर के नीचे की ओर सड़क का निर्माण हुआ है। इससे जुड़ा हुआ नाला भी है। सड़क निर्माण के बाद से ही नाले पर बने चैंबर खुले हुए हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पूरे कॉम्पलेक्स के सामने 5 चैंबर हैं, जिनमें से एक भी बंद नहीं है। नाले में हर वक्त पानी भरा रहता है, ऐसे में न सिर्फ निकलने वाले राहगीरों बल्कि जीव-जंतुओं के गिरने का भी खतरा रहता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर वर्षाकाल होने से तत्काल सड़कों पर स्थित जोखिमपूर्ण परिस्थितियों के निवारण हेतु की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिन में मांगा है।
कीचड़ से पटी सड़क, पढाई छोड़ने पर मजबूर विद्यार्थी
नीमच जिले के अंचल गमेरपुरा से मीडिया रिपोर्ट द्वारा तस्वीर सामने आई है, जिसमें यहां के चीताखेड़ा और गमेरपुरा ग्राम के बीच दो किमी लंबा कच्चा सड़क मार्ग पूरी तरह से कीचड़ से दलदल भरा पड़ा है। इससे रोजाना ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को पैदल गुजरना पड़ रहा है। हालत यह है कि बच्चे दो किमी का पैदल सफर करते समय परेशान होकर पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक यह दो किलोमीटर कच्चा सड़क मार्ग पिछले कई वर्षों से बदहाल हैं। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीईओ, जिला पंचायत, नीमच से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
45 घंटे की तलाष के बाद घटना स्थल दे दो किमी आगे मिला युवक का शव
मंडला जिले के नैनपुर के हालोन नदी में घटित हुए हादसे में पानी में बह गए युवक का शव 45 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बरामद हुआ। घटना स्थल से लगभग दो किमी आगे मृतक निखिल का शव खुर्सीपार और मढदेवरी ग्राम के बीच पानी में उतराता दिखाई दिया। जानकारी के अनुसार नैनपुर निवारी निवासी मृतक निखिल धुर्वे अपने एक अन्य साथी ग्राम सरां निवासी अभिलाष भलावी के साथ दोपहिया वाहन से घंसौर जा रहा था। पिंडरई के आगे आलोन नदी के पुल के ऊपर बहते पानी में पार करते समय दोनों युवक पानी के तेज बहाव में वह गये। इनमें से एक युवक अभिलाष को तैराकी आने की वजह से बच गया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर मंडला से मामले की जांच कराकर मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन की योजना/नियमानुसार देय आर्थिक मुआवजा राषि के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
स्कूल की छत गिरी, मंदिर में परिसर में लगी पाठषाला
नीमच जिले के ग्राम बसी की बावड़ी स्कूल में बीते सोमवार को स्कूल की छत गिर गई। गनिमत रही कि इस दौरान किसी को चोट नहीं आई। इसी स्कूल में छत दो साल पहले भी गिरी थी। लेकिन जिम्मेदारों ने इसकी अब तक खबर नहीं ली है। इसके बाद से बच्चों को पड़ाई में काफी परेशानी आ रही है। पहले स्कूल के पास तीन बिल्डिंग थी। लेकिन अब स्कूल के पास एक भी बिल्डिंग नहीं बची है। इससे स्कूल अब मंदिर परिसर में ही संचालित हो रहा है। इसको लेकर कई बार शासन को लिखत में सूचना भी दी गई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला षिक्षा अधिकारी, नीमच से मामले की जांच कराकर शाला/विद्यालय भवनांे को सुरक्षित उपयोग योग्य बनाये जाने ओर वहीं पर षिक्षण कार्य प्रारंभ किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
खतरनाक सफर: वाहनों में बैठाए जो रहे क्षमता से अधिक बच्चे
मंडला जिले में नवीन षिक्षा सत्र शुरू होते ही वाहन संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है। कई वाहनों को स्कूलों के बच्चों को परिवहन करने में लगाया गया है। इसमें जीप, वेन से लेकर आॅटो वाहन भी शामिल है। इसमें क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। स्कूल का समय मिलाने के लिए वाहन तेज गति से दौड़ाए जा रहे हैं एवं स्कूल वाहन से जुड़े किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है। नियमांे का पालन नहीं होने से बड़ा हादसा हो सकता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला षिक्षा अधिकारी तथा आरटीओ, मंडला से मामले की जांच कराकर स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
अंजनिया में दबंगो ने पानी निकासी की बंद बारिष के पानी से तलाब बनी सड़क
मंडला जिले के अंजनिया ई ग्राम पंचायत में ग्रामीण की मनमानी से ग्रामीण परेशान है। दबंग ग्रामीण ने जल निकासी को मुरम डालकर बंद कर दिया है। जिससे बारिश का पानी सड़क पर भर गया। सड़क पर पानी भरने से ना सिर्फ स्कूली बच्चे बल्कि ग्रामीणों की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे सड़क तालाब में तब्दील हो रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
एक सप्ताह से गांव में नहीं पहुंच रहा पेयजल
मंडला जिले के टाटरी में जल जीवन मिशन के तहत किए गए पेयजल टंकी निर्माण में ठेकेदार द्वारा वरती गई लापरवाही का खमियाजा ग्रामीणों को भुगताना पड़ रहा है। टंकी बनाते समय गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने से पेयजल टंकी में रिसाव के चलते पेयजल सप्लाई पिछले 5 दिनों से बंद है। पिछले साल भी ठेकेदार ने पानी टंकी में रिसाव के चलते वाटरप्रूफ पेंट किया गया था। पीएचई अधिकारियों एवं ठेकेदार की मिलीभगत के चलते घटिया निर्माण कराया गया। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं कार्यपालन यंत्री, पीएचई विभाग, मंडला से मामले की जांच कराकर शीघ्र पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
कैलारस में सिंथेटिक पनीर खाने से पूरा परिवार बीमार
मुरैना जिले में दुकानों पर सिंथेटिक पनीर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, लेकिन खाद्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इसी का नतीजा है कि कैलारस में सिंथेटिक पनीर खाने से आधा दर्जन लोग बीमार हो गए। इनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। उन्हें स्थानीय सरकारी अस्पाल में भर्ती कराया गया है। सभी खतरे से बाहर बताए गए हैं। उल्लेखनीय है कि बारिश के मौसम में जौरो से प्रतिदिन करीब 1 क्विंटल पनीर कैलारस आता है। यह पनीर केमिकल आदि मिले दूध से बनाया जाता है। सूत्रों के अनुसार खाद्य विभाग ने 5 महीने से कैलारस में दूध डेयरियों से सैंपल नहीं लिए। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर , मुरैना से मामले की जांच कराकर जिले में सिंथेटिक दूध/पनीर के विक्रय को सख्ती से रोकने एवं दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
कटनी: सरकारी स्कूल में गिरा प्लास्ट, पांच बच्चे घायल
कटनी जिले के बड़वारा विकासखंड के ग्राम केवलारी स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में बीते सोमवार दोपहर छत का प्लास्टर गिर गया। इस दौरान कक्षा में बैठे पांच बच्चे इसकी चपेट में आ गए। घायल बच्चों को बरही अस्पताल लाया गया। जिला परियोजना समन्वयक के डेहरियाने बताया कि कक्षा पहली की छात्रा शुभि और कक्षा दूसरी के छात्र यश, दिव्यांशी और कविता को मामूली चोटें आईं हैं। छात्रों को स्कूल भवन की बजाय बरामदे में बैठाया गया था। लापरवाही पर प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही एवं सुरक्षा उपायों के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।