भोपाल में अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का प्रथम वार्षिक सम्मेलन

भोपाल में अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का प्रथम वार्षिक सम्मेलन

5 और 6 जनवरी को भोपाल में आयोजित होगा अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का प्रथम वार्षिक सम्मेलन: श्री प्रहलाद सिंह पटेल

जलशक्ति मंत्रालय जल विजन @2047 विषय के साथ जल के संबंध में अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 5 जनवरी और 06 जनवरी 2023 को भोपाल में आयोजित कर रहा है। सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य राज्य के हितधारकों से इस विजन के लिए इनपुट प्राप्त करना है। यह बात केंद्रीय जलशक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल ने भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता फिंग को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय विभागों और मंत्रालयों को एक मंच पर लाने वाले जल विषय पर यह पहला सम्मेलन है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे। श्री पटेल ने कहा कि देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सिंचाई के राज्य मंत्रियों को विजन@2047 का ब्लू प्रिंट तैयार करने और देश की जल समस्याओं को दूर करने के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए आमंत्रित किया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्तों के साथ-साथ सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सिंचाई  के वरिष्ठ सचिव भी सम्मेलन में भाग लेंगे।
प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सम्मेलन में एक पूर्ण सत्र होगा जो ‘वॉटर विजन @2047’ पर फोकस के साथ सम्मेलन का एजेंडा तय करेगा। सम्मेलन में पांच विषय क्षेत्र संबंधी सत्र (थिमेटिक सेशन) हैं अर्थात् i) जल की कमी, अधिशेष जल और पहाड़ी क्षेत्रों में जल सुरक्षा अपशिष्ट ii) जल/ ग्रे जल के पुनः उपयोग सहित जल उपयोग दक्षता में बढ़ोतरी iii) वॉटर गवर्नेंस iv)जलवायु परिवर्तन अनुकूल जल अवसंरचना और v) जल गुणवत्ता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सत्र के लिए विषय को विषय के भीतर समग्र रूप से जल क्षेत्र में सभी मौजूदा समस्याओं को संबोधित करने की दृष्टि से चुना गया है। श्री पटेल ने कहा कि ये विषयगत सत्र इसलिए तैयार किए गए हैं ताकि हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के बड़े दृष्टिकोण की दिशा में मिलकर काम कर सकें और यह केवल सभी हितधारकों के समर्थन से ही हो सकता है।

 

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