मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद से ही प्रदेश में ओबीस हितैशी बनने की होड़ दोनो प्रमुख राजनैतिक दलों में लगातार जारी है उसी क्रम में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के मामले में सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया कि मध्यप्रदेश के सरकारी और शासन से मान्यता प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अध्ययनरत छात्रों को दो वर्ष से अधिक समय से छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हुआ है। प्रतिवर्ष पिछड़ा वर्ग के लगभग पॉंच से छह लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति हेतु आवेदन करते हैं । वर्ष 2020.21 के लगभग पॉंच लाख विद्यार्थियों में से अधिकांश को पूर्ण छात्रवृत्ति का वितरण अभी तक नहीं हुआ है ए इसी प्रकार वर्ष 2021.22 के लगभग छह लाख छात्रों को छात्रवृत्ति का अभी इंतजार है ।विगत दो वर्षों से छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किये जाने से विभिन्न उच्च शिक्षा से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों एवं निजी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को प्रतिदिन आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है ।विभाग द्वारा निरन्तर बजट की मांग की जा रही है पर सरकार बजट उपलब्ध कराने में असफल साबित हुई है ।
द्वितीय अनुपूरक बजट में भी महज थोड़ी सी राशि देकर सरकार ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। कमलनाथ ने आगे कहा कि ख़ुद को अन्य पिछड़ा वर्ग का सच्चा हितैषी बनने वाली शिवराज सरकार का यह सच है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र.छात्राओं के लिये ही सरकार के पास राशि नहीं है और दावे रोज़ बड़े.बड़े किये जाते है।