“जावली” जिन दो कमरों में बनी थी उसका भी एक किस्सा है गौरीशंकर शेजवार जब 1998 में नेता प्रतिपक्ष बने तब 74 बंगले में बाबूलाल गौर के सरकारी घर के ठीक बाजू वाले आवास में रहने पहुंचे । एक तरफ गौर the तथा दूसरी तरफ मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी सहयोगी आपकारी खनिजों जनसंपर्क मंत्री सत्यनारायण शर्मा थे जब 2000 में छत्तीसगढ़ सत्यनारायण शर्मा रायपुर चले गए भोपाल में उन्हें आवंटित शासकीय को लेने कई नेता सक्रिय हो गए विदिशा के संसद शिवराज सिंह को वह बांग्ला काफी पसंद था . वे जब जब भी गौरीशंकर शेजवार के यहाँ आते खाली होने पर वह बांग्ला अपने लिए अलॉट करने की बात करते । जैसे ही शर्मा ने बंगला खाली किया वैसे ही शिवराज से कहा कि वे उन्हें ही चाहिए इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करें शेजवार ने जब दिग्विजय से से यह बंगला शिवराज से को देने की बात की तो पता चला कि दिग्विजय से पहले ही वह घर अपने कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को देने का वायदा कर चुके हैं मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शेजवार से कहा कि वे सज्जन वर्मा से बात कर आपस में तय कर लें कि वह बंगला किसे दिया जाए । इस पर शेजवार ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे खुद ही बात करें और उन्हें दूसरा बंगला दे दे।
शाम होते-होते सज्जन सिंह वर्मा का शेजवार के पास फ़ोन आ गया कि वे बंगला छोड़ रहे हैं इसके बाद वह बंगला शिवराज से को आवंटित हो गया शिवराज सिंह इस घर को बहुत ही शुभ मानते रहे हैं मुख्यमंत्री बनने के बाद छह श्यामला हिल्स मुख्यमंत्री निवास में शिफ्ट होने के बाद भी शिवराज ने बांग्ला नहीं छोड़ा। लिंक रोड स्थित बी टाइप सरकारी बंगले को सीएम हाउस की एनेक्सी के तौर पर रखे रहे । साल 2018 में जब साधना सिंह अखिल भारतीय किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी तब उन्होंने इस बंगले में महासभा का कार्यालय खोल दिया।
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक
श्री दीपक तिवारी कि किताब “राजनीतिनामा मध्यप्रदेश” ( भाजपा युग ) से साभार ।