विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में दी अपनी प्रस्तुति
संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता, इससे महानतम कार्य सिद्ध होते है – केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल
डॉ. गौर के आदर्शों का अनुकरण करें, हमारा योगदान ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि – कुलपति
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ. हरीसिंह गौर की 153 वीं जयंती के उपलक्ष्य में गौर उत्सव सप्ताह 2022 के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शुभारम्भ’ आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानदेवी सरस्वती एवं डॉ. गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना के साथ हुई। वंदना की प्रस्तुति सुन्दरलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय, मकरोनिया की छात्राओं द्वारा दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री माननीय प्रहलाद सिंह पटेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो पी. के. कठल, सागर सांसद राजबहादुर सिंह, नगर विधायक शैलेन्द्र जैन, वरिष्ठ समाजसेवी सुशील तिवारी, गौर उत्सव के मुख्य समन्वयक प्रो. सुबोध जैन, महाविद्यालयीन विकास परिषद के संचालक प्रो. वी. आई गुरु, संबद्ध महाविद्यालय संघ अध्यक्ष डॉ. आशीष पटैरिया, विश्वविद्यालय के कुलसचिव संतोष सोहगौरा उपस्थित रहे. स्वागत भाषण डॉ सुशील गुप्ता, टाइम्स कॉलेज, दमोह ने दिया। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. पी.के. कठल ने विश्वविद्यालय के प्रगति को साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर अपने विकास के नए सोपान गढ़ रहा है. आने वाले समय में कई नए भवन बनकर तैयार होंगे जिससे विद्याथियों को ज्यादा सुविधाएं प्राप्त होंगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों का निर्माण और क्रियान्वयन कर रहा है. विश्वविद्यालय साप्ताहिक गौर उत्सव मना रहा है और साथ ही समूचा सागर शहर और बुंदेलखंड उनको नमन कर रहा है यह डॉ. गौर के प्रति लोगों की श्रद्धा और प्रेम ही है. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के आदर्शों पर हम नित दिन कार्य करें और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि डॉ. गौर ने कहा था कि राष्ट्र का धन कल-कारखाने, मशीनों के पुर्जे और सोना-चांदी नहीं है बल्कि जीवित मनुष्य ही राष्ट्र का असली धन हैं। उन्होंने कहा जिस प्रकार धरती प्रकृति प्रदत्त चीजों को संजोकर रखती है, सींचती है, संरक्षित रखती है उसी प्रकार उससे लाभान्वित होने वाले व्यक्ति का कर्तव्य है कि उसकी रक्षा करे और उसके विकास में अपना योगदान दे. डॉ. गौर द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रति भी जनमानस और विशेष रूप से यहाँ पढने वाले छात्रों को का भी कर्तव्य है कि डॉ. गौर और उनके सपनों के संस्थान के प्रति सदैव कृतज्ञ रहें और इसको बनाए रखने के लिए अपना हर संभव योगदान दें. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर ने बुंदेलखंड में षिक्षा का दीप जलाया. उनके भागीरथ प्रयास से यह विश्वविद्यालय स्थापित हुआ. उनके जैसा महादानी और महापुरुष हिन्दुस्तान में दूसरा नहीं है. उन्होंने कहा की शिक्षा का मतलब जिम्मेदारी स्वीकारना और उसे पूर्ण करना है. बिना शिक्षा के दुनिया की चुनौतियों का सामना नहीं किया जा सकता. जहां एक तरह दुनिया की महाशक्तियां युद्ध की रचना कर उसका सामना कर रही हैं वहीं भारत पूरे विश्व में शान्ति का सन्देश दे रहा है और सभी देश इस पर अमल कर रहे हैं. यही भारत की ताकत है. उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी ज्ञान की शताब्दी है. नई शिक्षा नीति के माध्यम से संस्कार देने वाली और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसे दृढ़ मन और संकल्प के साथ लागू किया जाना चाहिए. बुंदेलखंड स्वतंत्रता के अमर शहीदों की धरती रही है. आज इतिहास फिर से लिखा जा रहा है. ऐसे अमर व्यक्तित्वों को याद रखने का यही तरीका है कि हम उनके द्वारा बताये गए मूल्यों और आदर्शों में से किसी एक आदर्श को अपने जीवन में अपना कर देखें और अपने संकल्प का मूल्यांकन करें. संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता. संकल्प से महानतम कार्य सिद्ध हो जाते हैं और संकल्प व्यक्ति के अंतःकरण से ही निकलता है इसमें दूसरे का कोई सहयोग नहीं होता है।
सम्बद्ध महाविद्यालयों ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कालबेलिया, कठपुतली नृत्य, भजन और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोहा डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर से सम्बद्ध महाविद्यालयों बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स मकरोनिया, सागर के विद्यार्थियों ने गणेश वंदना व देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया. टाइम्स कालेज दमोह के छात्र-छात्राओं ने कठपुतली नृत्य, समूह नृत्य व एकल नृत्य प्रस्तुत किया. बी.के.पी. महाविद्यालय मालथौन के विद्यार्थियों ने मूक अभिनय, बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स के विद्यार्थियों ने राजस्थान का प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य, राजीव लोचनाचार्य महाविद्यालय खुरई के विद्यार्थियों ने मराठी समूह नृत्य, बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स महाविद्यालय एकल व समूह गायन, बी.के.पी. महाविद्यालय मालथौन के विद्यार्थियों ने कालवेलिया डांस, ओम श्री महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने एकल गायन भजन, टाइम्स कालेज दमोह के विद्यार्थियों ने डॉ. गौर के जीवन पर संबंधित नाटिका, सुन्दरलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय, बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स, सुन्दरलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय रजाखेड़ी सागर द्वारा कालबेलिया डांस, टाइम्स कालेज दमोह द्वारा पिता के व्यक्तित्व पर नृत्य एवं नाटिका, ओम श्री महाविद्यालय सदर सागर द्वारा एकल गायन भजन एवं समूह गायन, बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स, एकल नृत्य शास्त्रीय, पं. भागीरथ विलगैया महाविद्यालय बीना द्वारा एकल नृत्य शास्त्रीय एवं डांस की प्रस्तुति दी. मंच का संचालन डॉ. अवनीश मिश्रा ने किया. संबंद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यकम धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. राजू टंडन प्राचार्य बी. टी. आई. ई. सागर द्वारा किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों द्वारा गौर समाधि पर दी गई पुष्पांजलि केन्द्रीय राज्यमंत्री माननीय प्रहलाद सिंह पटेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने गौर प्रांगण स्थित गौर समाधि पहुंचकर डॉ. हरीसिंह गौर को श्रद्धांजलि दी।
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