मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव लगातार हैरान कर देने वाले राजनैतिक निर्णयों से गुजर रहे है जब से गृहमंत्री और भाजपा के प्रमुख रणीनतिकार अमित शाह ने मध्यप्रदेश भाजपा की कमान अपने हांथो में थामी है तभी से इस बात का अंदेशा हो चला था कि यह चुनाव परंपरागत नहीं होने वाले भाजपा ने जब अपनी हारी हुई सीटो पर प्रतयाशी की सूची जारी की तब भी रणनैतिक दृष्टिकोण से कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक बढत बनाई लेकिन दूसरी सूची में जिस प्रकार से चौकाने वाले निर्णय लिये गये उसने सभी को हैरान कर दिया । भाजपा के तीन केंद्रीय मंत्रियो सहित अपने सांसदो को भी विधानसभा के चुनावी मैदान में उतार दिया । मध्यप्रदेश चुनाव समिति की बागडोर थामें नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा प्रहलाद सिंह पटेल और फग्ग्न सिंह कुलस्ते जैसे कंेद्र की राजनीति करने वाले दिग्गजो के साथ साथ भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकिट देकर जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री के चेहरे पर संशय बना दिया है तो कांग्रेस द्धारा जारी गारंटी को भी योजनाओं के रूप में मूर्त रूप देकर जमीन पर उतार दिया है । मध्यप्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले लगभग हर विभाग के कर्मचारियों की मांग पूरी करने का सिलसिला भी जारी है इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले दो महीनो से जहां कांग्रेस चुनावी रण में भाजपा से आगे दिखाई दे रही थी वहां भाजपा ने जबरजस्त तरीके से वापसी की है । और भाजपा की तीसरी सूची में क्या होगा इस बात की चर्चा अब आमजनमानस में बनी हुई है ।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हार के बाद एंसा माना जा रहा था कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गुजरात की तर्ज पर मध्यप्रदेश में चुनावी प्रयोग नहीं करेगा लेकिन एंसा नहीं है मध्यप्रदेश में भाजपा वही कर रही है जिसका अनुमान 6 महीने पहले लगाया जा रहा था । राजनैतिक गलियारांे चर्चा है कि और यदि तीसरी सूची में भाजपा ने गुजरात पैर्टन को आधार बनाकर टिकिट दिये तो लगभग आधा दर्जन केबिनेट मंत्री और 50 से अधिक विधायकों के टिकिट कटना तय माना जा रहा है जिसकी घोषणा इस सप्ताह मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी केी दो बड़ी जनसभाओं के दौरान या बाद में कभी भी हो सकती है । दूसरी ओर अपने वचन पत्र और जनता में 18 साल से सत्ता में काबिज भाजपा की एंटी इनकमवैंसी की दम पर मध्यप्रदेश में सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही कांग्रेस ने भी भाजपा की सूचियों के बाद सर्तकता बढा दी है ंऔर कांग्रेस टिकिट वितरण के मामले में जन आक्रोश यात्रा की समाप्ति और भाजपा की तीसरी सूची जारी होने का इंतजार कर रही है कांग्रेस पर सूची जारी करने का दबाब भी है 5 अक्टूबर के बाद कांग्रेस अपनी मजबूत सीटों पर प्रत्याशियांे की सूची कर सकती है और हो सकता है भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस भी मध्यप्रदेश में केंद्रीय राजनीति के बड़े चेहरो को मैदान में उतारे ।
संपादकीय – श्री अभिषेक तिवारी
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