यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एवं इंजीनियर्स अपने घटक कर्मचारी संगठनों के साथ आंदोलन रत बिजली कर्मचारियों के समर्थन में सभी की मांगों के साथ कार्य बहिष्कार में शामिल होगा ।
प्रदेश की विद्युत व्यवस्था पर असर दिखाई देगा
प्रदेश में संविदा और बाह्य स्त्रोत बिजली कर्मचारी संगठनों के साथ यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एवं इंजीनियर्स भी अपने घटक बिजली कर्मचारी-अधिकारी संगठन के साथ कल 24 जनवरी से कार्य बहिष्कार आंदोलन में शामिल हो जाएंगे । उल्लेखनीय हैं बिजली अधिकारियों – कर्मचारियों के फोरम के घटक संगठनों साथ 6 जनवरी से एक जुट प्रदेश व्यापी कार्य बहिष्कार का एलान किया गया था । जिसे देखते हुए प्रदेश प्रमुख ऊर्जा सचिव की 5 जनवरी को बिजली कर्मचारी संगठनों से चर्चा हुई थी । बिजली कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा तय कराने के लिए 15 दिनों का समय ऊर्जा सचिव के द्वारा लिया गया था । इस निश्चित आश्वासन का सम्मान करते हुए बिजली कर्मचारी संगठनों ने जिनमें फोरम भी शामिल था, 6 जनवरी से होने वाला आंदोलन मुल्तवी कर दिया था । चर्चा के लिए नियत समय-सीमा व्यतीत होते ही संविदा और बाह्य स्त्रोत बिजली कर्मचारी 21 जनवरी से ही आंदोलन पर चले गए हैं । हड़ताली संविदा और आउट सोर्स बिजली कर्मचारी संगठनों की फोरम के प्रांतीय संयोजक इंजी. व्ही.के.एस.परिहार से जारी आंदोलन को लेकर हुई भेंट और चर्चा के बाद फोरम ने ये फैसला लिया गया है ।
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फोरम की ओर से मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश को तदाशय में 22 जनवरी को पत्र भेजते हुए अपने इरादों से अवगत करा दिया है । मुख्य मंत्री को संबोधित पत्र में फोरम ने कहा है कि बिजली कर्मचारियों में से संविदा और बाह्य स्रोत कर्मचारी- अधिकारियों के काम बंद आंदोलन पर चले जाने से शेष कार्यरत अधिकारी- कर्मचारियों पर काम का असहनीय दबाव आ गया है । प्रमुख सचिव ऊर्जा अपने वायदे के मुताबिक 15 दिनों की व्यतीत हो गई समय सीमा में माननीय मुख्य मंत्री जी से समस्याओं पर चर्चा के लिए समय नहीं दिला सके हैं । इस कारण 23 तारीख तक बिजली कर्मचारियों की समस्याओं को सुना सुना जाए अन्यथा की स्थिति में फोरम 24 जनवरी से आंदोलन रत संविदा और आउट सोर्स कर्मचारियों के साथ अपनी समस्त मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार में शामिल होने को बाध्य होगा । यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एवं इंजीनियर्स के आगामी 24 जनवरी से अन्य सभी लंबित मांगों के साथ कार्य बहिष्कार में आ जाने की तैयारी से प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन में तीव्रता आ जायेगी । इस एकजुट आंदोलन से प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चरमरा जाने के आसार हैं ।
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