मनुष्य मूलतः सामंती मानसिकता की संरचना है। इसीलिए उसे हर वक्त हुक्म बजा लाने वाला कोई न कोई फरमावरदार चाहिए। पहले ये भूमिका गरीब, आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों से लिया जाता था, लेकिन अब जमाना बदल गया है।एक तरह से दास प्रथा समाप्त हो गई है। किंतु सामंती मानसिकता से मुक्ति अभी तक नहीं है। नतीजा इनसान ने फरमावरदारी के लिए मशीन को इतना उन्नत बना लिया है कि वह बंधुआ मजदूर से ज्यादा बेहतर काम कर सके।इस हैरानकुन मशीन का नाम है ‘ एलेक्सा ‘ । दुनिया के संपन्न माने जाने वाले तमाम देशों के रहवासी बिना ‘एलेक्सा’के अपने आप को अधूरा समझते हैं। मुमकिन है कि जो काम आपकी शरीके हयात और बच्चे तक न करें वो एलेक्सा चुपचाप कर लेती थी है।अलेक्सा आपका हर वो हुक्म मानने के लिए तत्पर रहती है। एलेक्सा युवती होकर भी आपकी पकड़ से बाहर है। दरअसल एलेक्सा अमेज़न का डिजिटल वॉइस असिस्टेंट है। इसका उपयोग स्मार्टफोन और अमेज़न के इको प्रॉडक्टस् पर किया जा सकता है। दुनिया में 50 करोड़ से ज्यादा लोग एलेक्सा से जुड़े हैं। एलेक्सा को आप किसी भी नाम से पुकार संकते थे लेकिन इस वॉइस कमांड को “एलेक्सा” नाम देने के पीछे कुछ कारण हैं। सबसे पहले, “एलेक्सा” नाम लाइब्रेरी ऑफ अलेक्जेंड्रिया से आया हैं, जिसने दुनिया के सभी नॉलेज को एकत्र करने का प्रयास किया। अमेज़न यही काम करने का प्रयास कर रहा है। एलेक्सा हमेशा सीख रहा है लेकिन, सिद्धांत रूप में, यह इनफॉर्मेशन का एक अखंड सोर्स होना चाहिए। अमेरिका में मेरे घर में जितनी बार भगवान का नाम नहीं लिया जाता उससे ज्यादा बार एलेक्सा का नाम लिया जाता है।कभी कभी तो एलेक्सा,, एलेक्सा सुनकर कोफ्ते होने लगती है। एलेक्सा अलार्म बंजाने से लेकर आपके पसंदीदा गाने सुनाने,खान पकाने की रेसिपी,मौसम का हाल,बता सकती है।आपके बताए व्यक्ति को फोन लगा सकती है, आनलाइन खाना आर्डर कर सकती हैं। टिकिट बुक करा सकती है। अधिक व्यावहारिक रूप से, इस सर्विस को एनाम दिया गया क्योंकि इसमें असामान्य एक्स” साउंड शामिल है। चूंकि यह सर्विस वॉइस-एक्टिवेटेड है, इसलिए अमेज़न एक ऐसा नाम चुनना चाहता था जो दूसरे शब्दों से भ्रमित न हो और जो डिवाइस को गलती से जागृत कर सके।
अमेज़न ने बहुत सोच -समझकर फरमावरदारी के लिए वॉइस असिस्टेंट के रूप में एक औरत की आवाज को चुना जो आपके साथ बातचीत के तरीके से बात करती है, जो आपको कई चीजों के साथ इंटरैक्ट करने में मदद करने के लिए तैयार होती है। आपकी एलेक्सा म्युजि़क चलाने जैसे विभिन्न सरल कार्यों को कर सकती है, आप एलेक्सा के जरिए घर के स्मार्ट-होम गैजेट्स को भी कंट्रोल कर सकते है। एलेक्सा आपके मौखिक आदेश पर घर की रोशनी मंद करने, दरवाजे को बंद करने, या थर्मोस्टेट को एडजस्ट करने क काम भी ले सकते हैं। दुनिया की 09 प्रमुख भाषाओं में काम करने वाली एलेक्सा की प्रतिद्वंद्वी एपल की सिरी और खुद गूगल भी है, लेकिन एलेक्सा को ज्यादा पसंद किया जाता है। एलेक्सा 72 फीसदी सही काम करती है,सिरी 75 प्रतिशत और गूगल 88 प्रतिशत, लेकिन एलेक्सा फिर भी ज्यादा मुंहलगी है। एलेक्सा आपके प्रश्नों पर झुंझलाती नहीं बल्कि विनोद करती है।मिसाल के तौर पर यदि आप एलेक्सा से अपनी मां का नाम पूछें तो वो कह सकती है कि -‘अपनी मां से ही पूछ लीजिए ‘। जैसे ही आप इसके सामने “एलेक्सा’ बोलते हैं, तो यह इसकी सर्विस की शुरुआत को ट्रिगर करता है। इसके बाद आप जो कह रहे हैं उसे समझने के लिए (या प्रयास) यह शुरू कर देती हैं। दस साल की एलेक्सा दुनिया के 39 देशों में जनता की तकनीकी सहायक के रूप में लगातार लोकप्रिय है। लोगों की निर्भरता एलेक्सा पर बढती जा रही है। आप अपनी एलेक्सा से कह सकते हैं कि, मुझे सुबह 7 बजे जगाओ”,या “ मुंबई से दिल्ली के लिए उड़ान के लिए पूछें”,या “, द टेलीग्राफ से टॉप स्टोरीज के लिए पूछें”या “आज मेरे कैलेंडर में क्या है?”या“इंदोर में मौसम कैसा है?” या “ मेरी यात्रा कैसी है?”या “ मेरी पसंदीदा प्लेलिस्ट में फेरबदल करें” एलेक्सा, आपको बता सकती है कि कल बारिश होगी या नहीं।?”“एलेक्सा, आपकी ऑडियोबुक पढ़कर सुना सकती है खबरेन बता सकती है।ऊसर, ओला से सवारी का अनुरोध करने के लिए कह सकती है।घर की सभी लाइटें चालू और बंद करने के साथ ही मास्टर बेडरूम का तापमान सेट कर सकती है।तो यदि आपके घर में बढ़िया वाई फाई कनेक्शन और बेहतरीन एंड्रायड स्मार्टफोन है तो एलेक्सा को अपना बना लीजिए । @ राकेश अचल
कृपया यह भी पढ़ें –
मध्यप्रदेश में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना और उससे मिलती जुलती महतारी योजनाओं ने भाजपा…
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पहचानने में भाजपा भूल कर गई ।…
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न…
आजकल जैसे संसद में मुद्दों पर काम नहीं हो रहा उसी तरह मुझे भी लिखने…
सागर /मप्र जन अभियान परिषद् सागर विकासखंड द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के…
संसद का शीत सत्र धमकियों से ठिठुरता नजर आ रहा है। इस सात्र के पास…