विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेसियों ने सत्ता की ताकत के बल पर खूब चुनावी जमावट की सबसे ज्यादा चर्चा विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की रही। उनके विधानसभा क्षेत्र में हाईकोर्ट के निर्देश पर 22,000 से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए। उन दिनों एस के मिश्रा रीवा कलेक्टर हुआ करते थे उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य रीवा के बाहर के कर्मचारियों से कराया तो जांच में पता चला कि एक 100 वर्ग फीट के कमरे में 300 से ज्यादा मतदाता रहते हैं।
तिवारी जिन्ह विंध्य का सफेद शेर कहा जाता था उस कार्रवाई के बाद कभी चुनावी राजनीति में वापस नहीं आ सके उनके चुनाव में गड़बड़ी की संभावनाओं पर पूरी तरह से अंकुश के लिए मालवा और भोपाल से कर्मचारियों के विशेष दल भेजे गए भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर पुलिस ने चुनाव से ठीक पहले अक्टूबर में 500 से ज्यादा थानेदारों और सब इंस्पेक्टरों के तबादले चुनाव आयोग ने कर दिए। इससे दिग्विजय सिंह द्वारा बनाई गई पूरी चुनावी जमावट धरी की धरी रह गई।
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