मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय कार्यवाहक अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने चार मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में स्थित एक नर्सिंग काॅलेज द्वारा बिना मान्यता के प्रवेश देने पर छात्रों द्वारा हंगामा करने के मामले में संज्ञान लिया है। दरअसल, भोपाल शहर में स्थित एनआरआई नर्सिंग काॅलेज में छात्रों ने हंगामा कर दिया। छात्रों ने काॅलेज संचालक और प्राचार्य के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। काॅलेज के जीएनएम प्रथम वर्ष सत्र 2022-23 के एनआईएनआर-एनआईएन के छात्रों का कहना है कि एनआरआई नर्सिंग काॅलेज प्रबंधन ने काॅलेज की मान्यता होने का कहकर प्रवेश दिया था, लेकिन कुछ समय बाद छात्रों को पता चला कि काॅलेज की सत्र 2022-23 की एनआरआई नर्सिंग की मान्यता नहीं है और उन्हें बिना मान्यता के ही प्रवेश दे दिया गया है। काॅलेज की मान्यता के बारे में छात्रों को गलत जानकारी दी गई है। मामले में आयोग ने आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन तलब किया है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने देवास जिले की कलेक्टोरेट में जनसुनवाई के दौरान एक युवक द्वारा जहरीला पदार्थ खाने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कलेक्टोरेट देवास में बीते मंगलवार को हुई जनसुनवाई में एक युवक ने जहरीला पदार्थ खा लिया। कलेक्टर, देवास सुबह लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, उसी वक्त दौरान दोपहर सभाकक्ष के बाहर शोर हुआ तो, पता चला अरूण सोनी निवासी प्रेमनगर ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे कुल्ला करवाया गया। तहसीलदार अपनी गाड़ी से उसे अस्पताल ले गयीं। अरूण का पैर दस माह पहले एक निजी कंपनी में झुलस गया था। पहले मुआवजा का भरोसा दिया, लेकिन अबतक मुआवजा नहीं मिला था। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं जिला श्रम अधिकारी, देवास से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन तलब किया है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने बुरहानपुर जिले में एक 79 साल के वृद्ध को पंचायत द्वारा मृत बताने एवं वृद्ध द्वारा स्वयं को जिंदा साबित करने के लिये कागज ढंूढ़ने के मामले में संज्ञान लिया है। दसअसल, बुरहानपुर जिले के एक 79 साल के वृद्ध राजाराम चैधरी खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद कर रहें हैं। ग्राम पंचायत चिंचैला ने राजाराम को पेंशन सर्वे में मृत घोषित कर दिया है। नतीजा, बीते 11 माह से उन्हें पेंशन नहीं मिली। वे खुद को जीवित साबित करने एक कागज के लिये दफ्तरों की खाक छान रहे हैं। पंचायत एवं जनपद पंचायत में सुनवाई नहीं होने पर बीते मंगलवार को बुजुर्ग अपर कलेक्टर से कागज पर खुद को जिंदा करने की गुहार लगाई। मामले में आयोग ने कलेक्टर, बुरहानपुर से जांच कराकर पीड़ित वृद्ध की समस्या के समाधान की कार्यवाही एवं अवशेष पेंशन राशि के भुगतान के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने सागर जिले के बीना के धरमपुर गांव में दो पूर्ण विकसित भ्रूण मिलने के मामले में संज्ञान लिया है। सागर जिले के बीना विकासखण्ड के अंतर्गत धरमपुर गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। आगासौद थानाक्षेत्र में आने वाले धरमपुर गांव में दो पूर्ण विकसित भ्रूण मिलने से हडकंप मच गया। इसकी जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी ने भी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार अगासौद थानांतर्गत धरमपुर गांव में नवल लोधी के खंडहर पड़े मकान के पास बच्चे खेल रहे थे, जिन्हें वहां पर नवजात की तरह दिखने वाले दो भ्रूण दिखे। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सागर से जांच कराकर 15 दिन में प्रतिवेदन तलब किया है।
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