समय काल परिस्थिति के अनुसार प्रत्येक क्रिया प्रतिक्रिया में बदलाव आता है उसका असर राजनीतिक क्षेत्र में भी तेजी से देखा जा रहा है चुनावी वर्ष में प्रदेश की सियासत एक दूसरे से प्रश्न करने अपने आप को परखने उपलब्धियों के प्रस्तुतीकरण और खामियों के खिलाफ प्रदर्शन के दौर में पहुंच गई है दरअसल आत्म चिंतन और स्वयं की गलतियां ढूंढने वाले और फिर उनको बताने वाले बहुत कम लोग होंगे और राजनीति में तो और भी मुश्किल लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की विपक्षी दल कांग्रेस एक नया प्रयोग करने जा रही है जिसमें वह अपने विधायकों से स्वयं का सर्वे कराने को कह रही है विधायकों से कहा गया है कि वे फरवरी माह में खुद अपना आकलन करें और बताएं कि चुनाव जीतने के लिए वे कितने फिट हैं प्रत्येक विधायक को अपना एसेसमेंट खुद करके बताना है क्या वे फिर से चुनाव जीत सकते हैं या वर्ष 2018 के चुनाव के बाद उनकी स्थिति कमजोर हुई है या मजबूत हुई है ऐसे कुछ बिंदु तय किए गए हैं जिसके आधार पर कांग्रेसी विधायक को अपना सर्वे रिपोर्ट देना है अब तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सर्वे कराकर टिकट बांटते रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार उनके सर्वे से कुछ विधायक इत्तेफाक नहीं रखते बल्कि कहते हैं कि हम चुनाव जीतने की स्थिति में है शायद यही कारण है कि विधायकों से स्वयं का सर्वे कराने को कहा गया है ।
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वैसे तो राजनीति में कभी कोई नहीं कहता कि हम चुनाव हार रहे हैं यहां तक की मतगणना के आखरी राउंड तक जीतने की उम्मीद पाले रहते हैं और कहते हैं कि अभी हमारा गढ खुला नहीं है उसके खुलते ही हम चुनाव जीत जाएंगे जबकि बढ़त इतनी रहती है जितनी वोटों की गिनती भी बाकी नहीं रह जाती है लेकिन राजनीति प्रयोगों का नाम है सो कांग्रेश यह प्रयोग भी करने जा रही है फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हर दिन प्रश्न पूछ रहे हैं लेकिन गुरुवार को दिल्ली में व्यस्तता के चलते चौहान ने जब प्रश्न नहीं पूछ तो नाथ ने ट्वीट कर कहा कि सूर्यास्त तक कोई सवाल नहीं आया कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी का घोषणा पत्र ध्यान से पढ़ना चाहिए और प्रदेश के नौजवान किसान श्रमिक बेरोजगार माताएं और बहनें जो सवाल कर रही हैं उन्हें गौर से सुने और अपने किए वादे निभाए उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 साल पूरे होने पर 23 मार्च को सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेंगे जिसमें विशेष रूप से कोरोना संकट से निपटने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और विकास कार्यों की जानकारी दी जाए दी जाएगी चौहान ने सभी कलेक्टरों को कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस के दौरान निर्देशित कर दिया है कि जितनी भी घोषणाएं हैं उन सब को जी जान लगाकर पूरा करें जिले में अफसरों का कोर ग्रुप बनेगा हर जिले में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ डीएफओ और वर्क्स डिपार्टमेंट अधिकारियों के ग्रुप बनेंगे कुल मिलाकर जैसे-जैसे चुनावी वर्ष में और प्रदेश आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे सियासत नए-नए प्रयोगों के साथ सामने आ रही है जिसमें एक दूसरे से प्रश्न पूछे जाएंगे उत्तर शायद जनता देगी सर्वे पार्टी स्तर पर भी होंगे और इसके साथ अब कांग्रेस स्वयं से सर्वे कराएगी सरकार उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण करेगी और विपक्ष प्रदर्शन के नए तरीके अपनाएगी।
व्यक्तिगत विचार-आलेख-
श्री देवदत्त दुबे जी ,वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश ।
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