भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा जिस तरह की कसरत कर रही है उसमें अब नेताओं को उनकी दक्षता और क्षमता के अनुसार चुनावी भूमिकाएं सौंपने के लिए कवायद तेज हो गई है। प्रदेश प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्वनी वैष्णव आज दोपहर फिर से भोपाल पहुंच रहे हैं और 17 जुलाई तक रहेंगे। इस दौरान विभिन्न समितियां का गठन होगा जो चुनाव में प्रभावी भूमिका में रहेंगी।दरअसल, प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भाजपा किसी भी प्रकार की रिस्क ना लेते हुए सामूहिक रूप से पूरी ताकत झोंक देना चाहती है। पार्टी के रणनीति कारों को कांग्रेस से मिल रही चुनौतियों का अंदाजा है। इसी कारण पार्टी बार-बार सर्वे कर रही है और अपने नेताओं को हिदायत दे रही है।फीडबैक के आधार पर निर्णय लिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मानो खजाना खोल दिया है और एक के बाद एक लोक लुभावना घोषणाएं हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी दिन – रात जमीनी जमावट करने मेहनत कर रहे हैं। लगभग आधा दर्जन प्रदेश प्रभारी सत्ता और संगठन की समीक्षा कर रहे हैं और मैदानी आकलन से राष्ट्रीय नेतृत्व को अवगत करा रहे हैं। इसके बावजूद राष्ट्रीय नेतृत्व में अपने विश्वसनीय और चुनावी राजनीति के माहिर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया है। साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव को सह प्रभारी नियुक्त किया है। दोनों ही नेतृत्व का परिचय पार्टी के सबसे बड़े रणनीति का गृहमंत्री अमित शाह पार्टी नेताओं से कर चुके हैं और 4 घंटे में पार्टी नेताओं से बातचीत करके आगे की रणनीति समझ चुके हैं जिस पर तेजी से अमल हो रहा है।बहरहाल, केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव एवं केंद्रीय मंत्री प्रदेश सह प्रभारी अश्वनी वैष्णव 15 से 17 जुलाई तक भोपाल प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान दोनों नेता भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित विभिन्न बैठकों में शामिल होंगे और इस दौरान प्रदेश में चुनाव को मद्दे नजर रखते हुए विभिन्न समितियां का गठन किया जाएगा। जिसमें प्रमुख रूप से चुनाव संचालन समिति, चुनाव प्रबंधन समिति, चुनाव घोषणा पत्र समिति, प्रचार प्रसार समिति का गठन किया जाएगा अधिकांश नाम फाइनल हो गए हैं, केवल घोषणा होना बाकी है। अभी तक कोई कितनी भी महत्वपूर्ण पोस्ट पर हो, चाहे प्रदेश में मंत्री हो और चाहे देश में मंत्री हो चाहे केंद्रीय पदाधिकारी हो और चाहे प्रदेश में किसी महत्वपूर्ण पोस्ट पर आसीन हो सभी के लिए चुनाव की दृष्टि से नई भूमिका दी जाएगी और उसमें वर्तमान दायित्व के साथ-साथ नई सौंपी जाने वाली जिम्मेवारी पर विशेष फोकस करना है क्योंकि चुनाव कड़े मुकाबले के हैं और 2018 की तरह किसी भी प्रकार की रिस्क नहीं ले जाना है। प्रत्याशी चयन भी सर्वे के आधार पर होगा।
अब तक केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश को एक रणनीति बना चुका है जिस पर अब तेजी से अमल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र कुमार, फग्गनसिंह कुलस्ते के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा इन सब के बीच तालमेल बनाने का काम करेंगे। कुल मिलाकर भाजपा में चुनावी दृष्टि से प्रदेश और देश के चुनिंदा नेताओं की नई चुनावी भूमिका तैयार की जा रही है। जिसमें विभिन्न समितियां बनाकर दायित्व सौंप जाएंगे और अगले पांच माह प्रदेश में ही अधिकांश नेताओं का डेरा रहेगा केवल जरूरी काम से ही दिल्ली जाएंगे।
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