लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के साथ ही देश में 10 सालों के बाद एक बार फिर गठबंधन सरकार की वापसी हो चुकी है हालाकि 2014 और 2019 में भी एनडीए गठबंधन की सरकार थी लेकिन 282 और 303 सीटों के साथ भाजपा घटक दलों पर निर्भर नहीं थी 1977 में जनता पार्टी की सरकार के साथ देश में पहली गठबंधन सरकार बनी थी फिर 1991 1996 से लेकर 2014 तक देश ने गठबंधन सरकारों का दौर देखा और दवाब की राजनीति क्या होती है यह भी देखा गठबंधन सरकारों में घटक दलों की मनमानी से लेकर 13 दिनों में अटल सरकार को गिरते भी देखा अब 2024 के जनादेश के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि पिछले एक दशक से बेधड़क निर्णय लेने वाली मोदी सरकार गठबंधन और घटक दलों के दबाव में एक मजबूत सरकार साबित होती है या फिर मजबूर सरकार।
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