राजनीति की पिच पर टिके रहने के लिए हमारे नेता क्या ठठकर्म नहीं करते? अफसर से मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल से लेकर विद्वान बाम्हन सुब्रमण्यम स्वामी तक की सोच और ‘ऐप्रोच ‘एक जैसी है।मतदाओं को ठगने के लिए असंख्य फार्मूले होते हैं। केजरीवाल ने अब गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने केलिए हिंदू कार्ड खेला है और भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी के स्थान पर देवी देवताओं के चित्र छापने की बात कही है । केजरीवाल दूसरे नेताओं के मुकाबले ज्यादा पढ़े लिखे हैं लेकिन उनकी बात का पढाई लिखाई से कोई वास्ता नहीं है। यदि होता तो वे मूर्खतापूर्ण बात करते ही नहीं। देश में मूर्खतापूर्ण बातें करने का जन्मसिद्ध अधिकार चूंकि नेताओं का ही है,शायद इसीलिए केजरीवाल ने भाजपा नेताओं की भांति निर्लज्जता ओढ़कर नोटों से गांधी का फोटो हटाने की बात की। दुनिया में भारत की तरह बहुत से ऐसे देश हैं जिनकी मुद्रा में हिंदू देवी देवताओं के चित्र छपे हैं, किंतु इस मुद्रा को स्थानीय लोग टायलेट पेपर से ज्यादा महत्व नहीं देते।कारण देवी देवताओं के चित्र उनकी मुद्रा को सबसे सस्ती मुद्रा में शुमार होने से नहीं बचा सके। मुद्रा पर छपे चित्र देश की समग्रता का प्रतिबिंब होते हैं। महात्मा गांधी इस समय निर्विवाद ऐसा किरदार है जिन्हें नोट पर छापकर भारत को पहचाना जा सकता है।
दुनिया के जिन देशों की मुद्रा पर राजा, रानी या पूजाघरों की तस्वीरें उकेरी गईं किंतु मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय बाजार में जो मान्यता मिलना चाहिए थी उतनी नहीं मिली।भारत भले ही विश्व गुरु बनने का दावा कर रहा हो, किंतु मुद्रा बाजार में विश्वगुरु हैं नहीं ।कम से कम पिछले आठ साल में जिस तेजी से डालर के मुकाबले भारतीय गांधीछाप रुपया कमजोर हुआ है, उतना पिछले किसी दशक में नहीं हुआ।आप यकीन कीजिए कि भारतीय रुपए पर गांधी की जगह गोडसे, सावरकर,, दीनदयाल उपाध्याय और भगवान राम की तस्वीर भी होती तो भी रूपए की फजीहत किसी भी सूरत में रुकती नहीं।वो तो गनीमत है कि रूपए पर गांधी हैं इसलिए रुपया अब भी इंडोनेशिया के रुपिया जैसी दुर्दशा को प्राप्त नहीं हुआ। यदि आपको लगता है कि सिर्फ किसी अंग्रेज की तस्वीर छपने की वजह से विश्व की सबसे महंगी करेंसी अमेरिकी डॉलर है, तो आप ग़लत है, क्योंकि विश्व की सबसे महंगी करेंसी कुवैती दिनार है।दिनार पर किसी महापुरुष की तस्वीर नहीं है। । आज 1 कुवैती दिनार की कीमत भारत में 222 भारतीय रुपए और 3.32 यूएस डॉलर है।
दुनिया की सबसे सस्ती करेंसी वेनेज़ुएला बोलिवर है। इसके ऊपर भी वहां के एक महापुरुष की तस्वीर है फिर भी ये बोलिवर टायलेट पेपर से भी गया बीता है।1 भारतीय रुपए 6,047.15 वेनेजुएला बोलिवर है। यानि आप एक माचिस खरीदने के लिए 6047 बोलिवर लेकर चलिए। हिंदू देवी देवताओं की तस्वीर नोटों पर छापने वाले इंडोनेशियाई रुपिया दुनिया की 10 सबसे सस्ती करेंसी सूची में चौथे नंबर पर आता है। 1 भारतीय रुपया 192.20 इंडोनेशियन रुपिया के बराबर होता है। इंडोनेशिया जनसंख्या के आधार पर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है। कहने का मतलब ये है कि आप धर्म का धंधा करने वालों से सावधान रहें, फिर चाहे वो केजरीवाल हो या प्रधान चौकीदार नरेंद्र मोदी मैंने जब कंबोडिया में स्थानीय मुद्रा में एक भुट्टे के लिए पांच हजार दिए तो मैं दुखी था।एक पैग सोमरस के लिए वियतनाम में 32000 दोंग देते वक्त मुझे रोना आ गया था। जबकि यहां की मुद्रा पर यहां के गांधी हो ची मिन्ह की तस्वीर थी। सवाल ये है कि क्या हम अपने देवी देवताओं को टायलेट पेपर से भी गयी गुजरी मुद्रा पर छपा देखकर खुश होना चाहते हैं? क्या गांधी को नोट से हटाकर कोई सरकार भारतीय नोट और आम आदमी की दशा सुधारने का दम भर सकती है ? दुनिया के 195 देशों में इस समय 180 मुद्राएं चलन में हैं लेकिन राजनीति के लिए मुद्रा को मुद्दा बनाने वाला भारत फिलहाल अकेला देश है। विश्व गुरु को विशेषाधिकार है कुछ भी उठापटक करने का।जागिए, आंखें खोलिए!
व्यक्तिगत विचार-आलेख-
श्री राकेश अचल जी ,वरिष्ठ पत्रकार , मध्यप्रदेश ।
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