देश का मौसम सचमुच आशिकाना है।एक तरफ अप्रैल बिना तपे निकल गया दूसरी तरफ पहाड़ बर्फ की सफेद चादर ओढ़े हाजियों की तरह नवल,धवल ठिठुरते नजर आ रहे हैं।इसी मौसम में कर्नाटक को अपने लिए नया टीपू सुल्तान भी खोजना है।
गर्मी से बचाव के लिए पहली बार घर में स्प्लिट एसी लिया, लेकिन मौसम नये एसी को सेवा का अवसर ही नहीं दे रहा।जब गर्मी पड़ना चाहिए तब देश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम का मिजाज चौमासे जैसा हो रहा है।और तो और ओले तक बरस रहे हैं। कभी कभी लगता है कि ऊपर वाला कर्नाटक वालों पर मेहरबान है। कर्नाटक वाले चुनावों में जो उलझे हैं। हमारे यहां मौसम की नब्ज टटोलने के लिए बाकायदा एक महकमा है। ये महकमा कहता है कि देशभर में मौसम के मिजाज में फिर बदलाव देखा जा रहा है. बीते दो दिन में कई राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्यों में बारिश के चलते मौसम सुहावना है. हल्की बारिश और तेज हवाओं के चलने से दिल्ली-एनसीआर के तापमान में गिरावट आई है. मौसम विभाग के मुताबिक, 4 मई तक ऐसा ही मौसम बने रहने की उम्मीद है. कई राज्यों में बारिश के साथ आंधी तूफान का अलर्ट भी है.
देश में सियासी आंधी तो पहले से चल रही है।एक तरफ मोदी जी की आंधी है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी का बवंडर। एक तरफ पूर्व सांसद अतीक को जीवन से मुक्ति मिल गई तो दूसरी तरफ आनंद मोहन को जेल से।एक तरफ मुख़्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है तो दूसरी तरफ पहलवानों के पहलवान सांसद बृजभूषण शरण को सजा सुनाने की मांग की जा रही है। ये सब मौसम का ही जादू है, और कुछ नहीं। मौसम विभाग ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. बारिश के चलते उत्तर भारत के लोगों को गर्मी से राहत मिली है. अधिकतम तापमान भी औसत से नीचे दर्ज किया जा रहा है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 21 डिग्री और अधिकतम 28 डिग्री दर्ज किया जा रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज न्यूनतम तापमान 24 और अधिकतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया जा सकता है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भीगी बिल्ली बनाने का प्रयास किया जा रहा है, और उत्तर प्रदेश के जिम्मेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नया डान बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक तमिलनाडु, केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और मध्य प्रदेश 3 मई के दौरान बारिश की भारी गतिविधियां दर्ज की जा सकती है. 4 मई के बाद ही बारिश की स्थिति में कुछ कमी आएगी.मई का महीना अगर तपेगा नहीं तो हमारे एसी का क्या होगा ? गर्मी के मौसम पर देश के तमाम उद्योग धंधे निर्भर हैं। आइसक्रीम से लेकर एसी तक बिना गर्मी के चल नहीं सकते। यही मौसम है जो चार धाम के लिए चुना गया है। यही मौसम है जो गाल बजाने का मौसम कहा जाता है। लेकिन मौसम का नेताओं की तरह बदलता मिजाज जनता को परेशान किए हुए हैं। किसी एक को तो भरोसेमंद होना चाहिए।
दरअसल ये भरोसे के संकट का भी मौसम है।न सरकार भरोसे की है और न नेता। अदालतों से भी अब जनता का भरोसा उठता नजर आ रहा है। सीजेआई कब तक अकेले इस भरोसे को बचाकर रख पाएंगे? रिटायर होने के कगार पर बैठे महानुभाव तो सीधे राज्य सभा या राजभवन में जाने के लिए तैयार बैठे हैं।आप उनसे जो चाहे करा लीजिए, कोई हिचक नहीं है। पहले मौसम पर फिल्म भी बनाई गई है,गीत भी लिखे गये हैं,घरों के नाम भी रखे गए हैं, लेकिन अब मौसम का मतलब ही बदल गया है।अब मौसम बनाना पड़ता है। चुनाव के लिए भी और मन की बात करने के लिए भी। बिना मौसम के सब सूना लगता है। हमारे जमाने में तो मौसमी चटर्जी भी हुआ करती थी,अब तो उनके मुकाबले का कोई भी नहीं है। बहरहाल बदलते मौसम में कभी जुकाम,कभी पीलिया,कभी फ्लू है। यही सब मिलकर कब कोरोना बन जाए, कोई नहीं जानता। इसलिए ऐहतियात बरतिए। एहतियात ही लोकतंत्र को बचाएगा, ऐहतियात ही देश को बचाएगा,। कर्नाटक का नया टीपू सुल्तान भी ऐहतियात से ही चुना जाएगा।
⇑ वीडियो समाचारों से जुड़ने के लिए कृपया हमारे चैनल को सबस्क्राईब करें और हमारे लघु प्रयास को अपना विराट सहयोग प्रदान करें , धन्यवाद।