राजनीतिनामा

सर्वे रिपोर्ट:भाजपा के 70 और कांग्रेस के 30 विधायकों के टिकट अधर में

भोपाल। मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा के आम चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और त्रिस्तरीय पंचायती राज एवं नगरीय निकाय चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है इसी तारतम्य में दोनों ही दलों ने अपने मौजूदा विधायकों के सर्वे कराए हैं और जिसमे सत्ताधारी दल के करीब 70 और विपक्षी दल कांग्रेस के लगभग 30 विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी आई है सियासी गलियारों में खबर है कि यदि समय रहते स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सर्वे रिपोर्ट ही टिकट कटवाने के लिए काफी मानी जाएगी।

दरअसल, प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस मिशन 2023 की तैयारियों में समय से पहले करो या मरो की स्थिति में जुट गए हैं। 2018 के चुनाव परिणाम दोनों ही दलों के लिए उत्प्रेरक का कार्य कर रहा है। कांग्रेस जहां 2018 में 15 वर्षों के बाद सरकार में आई थी और यह परिणाम उसको हौसला दे रहा है। यदि एकजुटता के साथ 2023 का चुनाव लड़ा जाए तो हम फिर से सत्ता में आ सकते हैं क्योंकि इसके पहले की चुनाव में तो कांग्रेस ना उम्मीद जैसी हो चुकी थीं और इसी सोच के शहर पार्टी के नेता एकजुटता और सक्रियता का प्रदर्शन कर रहे हैं कभी कमलनाथ के विरोधी रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव इस समय कमलनाथ की विश्वसनीय नेताओं में शुमार है पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपनी विरासत और विंध्य की खोई हुई जमीन को तैयार करने में जुटे हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्रि कांतिलाल भूरिया को भी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जिम्मेदारियां सौंप दी हैं और भाजपा की तर्ज पर जिस तरह भी लगातार बैठके करके माहौल बना रहे हैं।

सभी नेता मिलकर कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे हैं। उससे सत्ताधारी दल भाजपा चौकन्नी है और 15 वर्षों के बाद जब 2018 में कुछ विधायकों की कमी रहने से सरकार से बाहर हुई थी तब के परिणाम से अचंभित भाजपा इस बार किसी भी प्रकार के अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहती और बूथ से लेकर जिला प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी लगातार प्रदेश की राजनीति नब्ज पर हाथ रखे हुए हैं तब के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे कभी कभार आते थे लेकिन के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव कभी-कभार प्रदेश को छोड़ दें और उपचुनाव के दौरान बूथ स्तर तक की बैठकों में भाग लिया सत्ता और संगठन पूरा जोर लगाए हुए हैं कि 2023 में कांग्रेस को किसी भी प्रकार का मौका ना दिया जा सके। पार्टी नेता इस बार किसी भी प्रकार के ओवरकॉन्फिडेंस में नहीं रहना चाहते है।

बहरहाल, प्रदेश में समय से पहले तेज हुए सत्ता संघर्ष ने मौजूदा विधायकों की नींद उड़ा दी है दोनों ही दलों ने अपने अपने स्तर पर जो सर्वे करवाए हैं फीडबैक लिया है। उसके आधार पर सत्ताधारी दल के करीब 70 विधायकों को सचेत किया गया है तो विपक्षी दल के 30 विधायकों को भी अल्टीमेटम दे दिया गया है। इन विधायकों की चिंता आगामी दिनों होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायती राज और नगरीय निकाय के चुनाव में और बढ़ा दी है क्योंकि सर्वे रिपोर्ट से मिलते जुलते यदि इनके विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय चुनाव के परिणाम आते हैं तो फिर चुनाव लड़ने या जीत हार के फैसले के पहले टिकट पर ही संकट आ जाएगा। यही कारण है कि दोनों ही दलों की विधायकों की छटपटाहट बढ़ गई है और अपने अपने क्षेत्रों में खासे सक्रिय हो गए हैं।

कुल मिलाकर प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जिस तरह से रस्साकशी शुरू हो गई है। उससे समय से पहले राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है और राजनीतिक दल नए लोगों को मौका देने और कुछ लोगों की टिकट काटने की रणनीति पर प्रायः काम करते रहे हैं। ऐसे में वर्तमान विधायको की जनता अपना परफॉर्मेंस सुधारने की अपने क्षेत्र में पंचायती राज के प्रतिनिधियों और नगरी निकाय के प्रतिनिधियों को चुनाव जिताने की तो है ही विधानसभा के आम चुनाव की चिंता भी सताने लगी है। दोनों ही दलों ने अपने विधायकों को समय रहते स्थिति सुधारने अन्यथा टिकट कटने के लिए तैयार रहने के संकेत भी इशारों-इशारों में दे दिए हैं।

देवदत्त दुबे, भोपाल ,मध्यप्रदेश 

Share this...
bharatbhvh

Recent Posts

मीसा भारती और तेजस्वी यादव में बढ़ रहा है तनाव !

क्या बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल…

12 hours ago

जन परिषद की ग्यारहवीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस वियतनाम में संपन्न

जनपरिषद ने जताई पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता  पर्यावरण पर केंद्रित, अग्रणी संस्था जन परिषद…

13 hours ago

राज-काज – क्या भाजपा में कमजोर किए जा रहे ज्योतिरादित्य !

 क्या भाजपा में कमजोर किए जा रहे ज्योतिरादित्य....? - क्या केंद्रीय मंत्री ज्योतिरािदत्य सिंधिया के…

16 hours ago

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। शुक्रवार को सरकार ने केंद्रीय…

2 days ago

पीएम बनने के 11 साल बाद आरएसएस कार्यालय में मोदी

आरएसएस के पूर्व प्रचारक रहे नरेंद्र मोदी आज पीएम बनने के 11 साल बाद आज…

2 days ago

चैत्र माह में चेतने का मौक़ा देती है प्रकृति

हिंदी का नया साल चैत्र मास से शुरू होता है। मेरे लिए ये महीना बहुत…

2 days ago