मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य श्री मनोहर ममतानी ने छह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। 1 – हाईटेंशन लाइन से लगा करंट, सत्रह साल के किशोर की मौत
आयोग ने कहा – सीएमडी मक्षेविविकंलिमि. भोपाल एक माह में दें जवाब
भोपाल जिले के गांधाीनगर थान क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन से करंट लगने से एक किशोर की मौत हो गई। वह दुकान की छत पर चढ़कर कुछ काम कर रहा था। इस दौरान दुकान के उपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से वह हादसे का शिकार हो गया। मप्र मानव अधिकार आयोग ने
मुख्य प्रबंध संचालक, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल से मामले की जांच कराकर मृतक के परिजन को आर्थिक मुआवजा राशि दिये जाने तथा सुरक्षा के किये गये उपायों के संबंध में प्रतिवेदन एक माह में भेजें। 2 – गुनगा में मासूम की कुएं में गिरने से मौत
आयोग ने कहा – कलेक्टर भोपाल एक माह में दें जवाब
भोपाल जिले के गुनगा थान क्षेत्र के ग्राम जूनापानी में एक आठ वर्षीय बालिका की खेत में बने कुएं में गिरने से मौत हो गई। बीते मंगलवार शाम करीब पौने पांच बजे जूनापानी निवासी राजू कुशवाह की बेटी राधिका खेलते-खेलते कुएं के पास पहुंच गई। वहां पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई। उसे कुएं से बाहर निकालने के बाद नजदीक अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने राधिका को मृत घोषित कर दिया। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने
कलेक्टर, भोपाल से मामले की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि 01. क्या मृतिका के उत्तराधिकारियों को आर्थिक मुआवजा राशि दी गई है ? 02. कुएं पर सुरक्षा के क्या इंताजम किये गये हैं ? 3 – शौचालय की गंदगी ने ली राघव की जान
आयोग ने कहा – कलेक्टर एवं डीईओ बालााघट एक माह में दें जवाब
बालाघाट जिले के कटंगी अंतर्गत तिरोड़ी थाना क्षेत्र और विकासखंड खैरलाॅजी के तहत आने वाले शासकीय प्राथमिक शालाा गुडरूघाट में में अध्ययनरत आठ वर्षीय छात्र राघव पिता श्री रमेश आगारे की बीते सात नवम्बर को गड्डे के पानी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। बीते सोमवार को राघव प्रतिदिन की तरह स्कूल गया था। दोपहर में मध्याह्न भोजन करने के बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ कथित तौर पर शौच के लिये स्कूल से करीब 250 मीटर की दूरी पर तालाब के आकार में बने गढ्ढे की तरफ गया, जहां डूबने से उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि स्कूल में शौचालय एवं लघुशंका के लिये व्यवस्था नही होने के कारण बच्चे गढ्ढे की तरफ शौच के लिये जाते हैं। अगर स्कूल में शाौचालय की अच्छी व्यवस्था होती तो यह हादसा नहीं होता। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, एवं जिला शिक्षा अधिकारी, बालाघाट से जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि – 01. क्या मृतक के पानी में डूबने पर शासन द्वारा मृतक के उत्तराधिकारी को आर्थिक मुआवजा राशि दी गई है ? 02. उक्त विद्यालय के साथ ही जिले के अन्य शासकीय विद्यालयों में शौचालयों की व्यवस्था, उनकी स्वच्छता, पानी की उपलब्धता व रख-रखाव के सम्बन्ध में सोशल आॅडिट कर स्पष्ट तथ्यात्मक प्रतिवेदन भेजें। 03़. घटना स्थल पर सुरक्षा के क्या उपाय किये गये हैं ?
4 – एप्रिन पहनकर इलाज करने वाले स्वीपर पर गिरी गाज
कलेक्टर एवं सीएमएचओ शिवपुरी तीन सप्ताह में दें जवाब
शिवपुरी जिले के बैराड़ स्वास्थ्य केन्द्र से वायरल हुये वीडियो में एक स्वीपर एप्रिन पहनकर घायल को टांके लगाता हुआ दिखाई दे रहा था। यह वीडियो वायरल होने के बाद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे हटा दिया है। विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल इसलिये खड़े हो गए, क्योंकि विभाग के जिम्मेदार स्वीपर से अस्पताल में डाक्टर और नर्स नहीं होने पर काम करवा रहे थे, जबकि वह अपने घरों में सो रहे थे। उन पर विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने
कलेक्टर, एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि बैराड़ स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थ चिकित्सक/नर्सिंग स्टाफ के संबंध में जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी भेजें। 5 – दादी-बहन के सामने नौ साल की बच्ची को उठा ले गया बाघ
आयोग ने कहा – डीएफओ शहडोल एक माह में दें जवाब
शहडोल जिले के जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र के घियार में परिवार के साथ धान कटाई कर रही नौ वर्षीय बच्ची को बाघ दबोच ले गया। बच्ची की दादी और बहन के सामने यह घटना हुई। उन्होंने शोर मचाया तो गांववाले मासूम को छुड़ाने के लिए भागे, लेकिन बाघ ने बच्ची को नहीं छोड़ा और बाद में उसका शव जंगल में मिला। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने
जिला वन अधिकारी, शहडोल मामले की जांच कराकर मृतिका के परिजन को दी गई आर्थिक मुआवजा राशि तथा क्षेत्र के अन्य ग्रामवासियों की सुरक्षा के संबंध में किये गये उपायों का प्रतिवेदन एक माह में भेजें। 6 – भ्रष्टाचारियों का कमाल…बगैर लाइसेंस दागदार बांट रहे राशन
प्रमुख सचिव, संचालक खाद्य सुरक्षा एवं नागरिक आपूर्ति एवं कलेक्टर भोपाल एक माह में दें जवाब
गरीबों के राशन में भ्रष्टाचार का घुन किस कदर लगा हुआ है, इसका प्रमाण राजधानी भोपाल की वे 38 दुकाने जिनका लाइसेंस हाल ही में छीन लिया, लेकिन इनके संचालकों से राशन वितरण का काम वापस नही लिया। संवाददाता ने बीते बुधवार को जब घोटाले में शामिल दुकानों पर जाकर देखा तो पुराने संचालक ही राशन बांटते नजर आये। इस पर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि नए सिरे से वितरण व्यवस्था प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद बनाई जायेगी। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने
प्रमुख सचिव व संचालक, खाद्य सुरक्षा एवं नागरिक आपूर्ति विभाग तथा कलेक्टर, भोपाल से एक माह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि – 01. खाद्य वितरण में अनियमिततायुक्त राशन दुकानों के संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? 02. राशन दुकानों पर खाद्य वितरण गुणवत्तायुक्त निर्बाध एवं पारदर्शी हो, इसके लिये क्या नवीन व्यवस्था सुनिश्चित की गयी ? 03. अनियमिततायुक्त राश दुकानों पर खाद्य वितरण की जिम्मेदारी अब किस संस्था/व्याक्तियों को दी गई है ? 04. खाद्य का अधिकार एक मौलिक/मानव अधिकार है, इसके उचित संरक्षण के लिये क्या व्यवस्था की गई है ? समाचार शाखा भोपाल मध्यप्रदेश