भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का पावस सत्र आज से शुरू होगा कामकाज की दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण सत्र है और राजनीतिक दृष्टि से भी चुनावी तैयारियां शुरू करने का सत्र कह सकते हैं लेकिन यह सत्र 17 सितंबर तक ही है और उसमें भी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री प्रदेश आ रहे हैं इस कारण सत्र की अवधि और भी कम हो सकती है सत्तारूढ़ दल और विपक्ष की विधायक दल की बैठक सोमवार को हो चुकी है और दोनों ही दलों ने कम समय का अधिकतम उपयोग करने की रणनीति बनाई है सर्वदलीय बैठक में भी सत्र अधिकतम चलाने पर सहमति बनी है लेकिन जिस तरह से तैयारियां हैं उससे हंगामेदार होने और भी सत्र के सीमित होने के आसार बन रहे हैं।
दरअसल कामकाज की दृष्टि से पावस सत्र को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है एक तरफ जहां अनुपूरक बजट पास होना है वहीं दूसरी ओर विधायकों ने 1516 प्रश्न लगाए हैं यही नहीं 8 अशासकीय संकल्प और 216 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आए इसके अलावा 765 तारांकित और 751 आ तारांकित सवाल भी आए हैं। शून्यकाल की 65 से ज्यादा सूचनाएं सचिवालय के पास पहुंच चुकी है और नियम 139 के तहत चर्चा के तीन प्रस्ताव और 8 विधेयक भी सचिवालय को मिल चुके विधायक धीरे-धीरे हाईटेक होते जा रहे हैं। इस बार ऑनलाइन सवाल पूछने वाले 819 विधायक हैं वही 797 ने अब भी ऑफलाइन सवाल पूछे हैं इतने महत्वपूर्ण सत्र में कुछ विभागों ने लेटलतीफी भी दिखाई है 564 सवालों के जवाब अब तक नहीं आए हैं उस में कृषि विभाग के 180 सवाल के जवाब नहीं मिले।
बहरहाल आज से शुरू हो रहे विधानसभा के बाबत सत्र के लिए सदन की पांच बैठ के प्रस्तावित है सत्ता पक्ष और विपक्ष की जहां शाम को 4:00 बजे सर्वदलीय बैठक हुई वही कांग्रेस विधायक दल की 6:00 बजे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर और सत्तारूढ़ दल भाजपा की 7:00 बजे मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें दोनों दलों ने अपनी अपनी रणनीति बनाई सत्ता पक्ष में जहां सरकार की उपलब्धियों को लेकर विधायक और मंत्रियों को अपडेट किया सरकार ने कैग की रिपोर्ट का जवाब देना बाढ़ और अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए किए गए काम कानून व्यवस्था एवं नगरी निकाय और पंचायत चुनाव की सफलता पर सदन में जोड़ देने के लिए कहा विधायकों को सभी प्रकार का फीडबैक दिया गया। वही विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है विधायक दल की बैठक में करीब एक दर्जन मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें बाढ़ और अतिवृष्टि पर 139 के तहत चर्चा करवाने पर ज्यादा जोर दिया गया इसके अलावा कारमडेम और महंगा येई पर इस स्थगन लाने पर भी चर्चा हुई कुछ विधायकों ने नसिग घोटाले कर्मचारियों को पेंशन दिए जाने वाले मामले जो कि ध्यानाकर्षण लौट आए हैं उन पर भी सदन में चर्चा कराने पर जोर दिया। कुल मिलाकर जिस तरह से सड़क पर मिशन 2023 की तैयारियां दोनों दलों ने शुरू कर दी है राष्ट्रीय नेताओं का प्रदेश दौरा बढ़ गया है।
नियुक्तियों का दौर चल रहा है बूथ स्तर पर जमावट की जा रही है ऐसे में पावस सत्र भी चुनावी तैयारियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है विपक्ष जहां सड़क से लेकर सदन तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है वहीं सत्तारूढ़ दल उपलब्धियों ऊंचाइयां देने पर जोर दे रहा है ऐसे में भले ही सत्र सीमित अवधि का हो लेकिन हंगामेदार होने के आसार बन गए हैं नेता प्रतिपक्ष के रूप में डॉक्टर गोविंद सिंह के लिए होगा जिसमें उन्हें अपनी दक्षता और क्षमता साबित करना है।
देवदत्त दुबे भोपाल मध्यप्रदेश
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