मध्य प्रदेश में आज मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। कुल 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। 18 नेताओं को कैबिनेट मंत्री में शामिल किया गया। 6 नेताओं को राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। वहीं 4 नेताओं को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय विश्वास सारंग और अन्य पार्टी विधायकों ने भोपाल में मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। कुल 28 भाजपा नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। प्रधुम्न सिंह तोमरए प्रह्लाद सिंह पटेलए कैलाश विजयवर्गीय और विश्वास सारंग समेत 18 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। 6 नेता राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध और 4 नेता राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।मध्यप्रदेश में नवनियुक्त डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल में आज कुल 28 मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई गईए जिसमें खास बात ये रही कि मालवांचल के उज्जैन जिले से आने वाले मुख्यमंत्री डॉ यादव के मंत्रिमंडल में भी मुख्य तौर पर इसी अंचल का ही दवदवा दिखाई दिया। राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 18 वरिष्ठ विधायकों को केबिनेट मंत्री और 10 विधायकों को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायक कैलाश विजयवर्गीय प्रहलाद पटेल राकेश सिंह उदय प्रताप सिंह करण सिंह वर्मा निर्मला भूरिया विजय शाह संपत्तिया उइके तुलसी सिलावट प्रद्युम्न सिंह तोमर एंदल सिंह कंसाना गोविंद सिंह राजपूत विश्वास सारंग नागर सिंह चौहान चेतन्य कश्यप नारायण सिंह कुशवाह इंदर सिंह परमार और राकेश शुक्ला को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई गई। विधायक कृष्णा गोर गोतम टेटवाल धर्मेंद्र लोधी नारायण सिंह पंवार दिलीप जायसवाल लखन पटेल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही प्रथम चार की विधायक राधा सिंहए नरेंद्र शिवाजी पटेलए प्रतिमा चागरी ओर दिलीप अहिरवार को भी राज्य मंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई गई है। मंत्रिमंडल में इस बार सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व राज्य के मालवा.निमाड़ अंचल को दिया गया है। आज शपथ लेने वाले पांच मंत्री इंदौर संभाग से आते हैंए जिनमें वरिष्ठ विधायक कैलाश विजयवर्गीय तुलसी सिलावट नागर सिंह चोहान निर्मला भूरिया और विजय शाह शामिल है। वहीं उज्जैन संभाग को जहां पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के तौर पर सरकार में प्रतिनिधित्व मिला था वहीं आज इस संभाग से दो और विधायकों चेतन्य कश्य;और इंदर सिंह परमार ने मंत्री पद की शपथ ले ली है जिसके बाद अब इस संभाग को भी सरकार में अच्छा खासा प्रतिनिधित्व मिल गया है।
राज्य के महाकोशल अंचल से जो सबसे अहम नाम आज के मंत्रिमंडल में आया है उसमें प्रमुख नाम राकेश सिंह प्रहलाद पटेल और उदय प्रताप सिंह का है। संपत्तिया उइके भी इसी अंचल से आती हैं। मंत्रिमंडल में भोपाल संभाग को भी खासी वरीयता दी गई है। शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रहे भोपाल की नरेला सीट से विधायक विश्वास सारंग को इस बार भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। इसके अलावा भोपाल की गोविंदपुरा से विधायक श्रीमती कृष्णा गौर भी इस चार मंत्री पद पर काबिज की गई हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की पुत्रवधू हैं। भोपाल संभाग के राजगढ़ से भी दो मंत्रियों गौतम टेटवाल और नारायण सिंह पंवार मंत्रिमंडल में स्थान पाने में सफल रहे हैं। इसी संभाग के सीहोर जिले से आने वाले पूर्व मंत्री करण सिंह चमां भी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। वर्मा राज्य के सचसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं। रायसेन जिले के उदयपुरा से पहली बार के विधायक नरेंद्र शिवाजी पटेल के नाम को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने ने सभी को चौंका दिया है। चौहान की सरकार में सत्ता के गलियारों में बेहद अहम माने जाने वाले बंदेलखंड अंचल से इस बार मंत्रिमंडल में चार विधायकों को स्थान दिया गया है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत लखन पटेल दिलीप अहिरवार और धर्मेंद्र लोधी को डॉ मोहन यादव सरकार में स्थान मिला है।राज्य के विध्य अंचल से उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के नाम के चाद अब इस क्षेत्र की रेगांव सीट से विधायक चुन कर आई प्रतिमा बागरी को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। शहडोल संभाग के दिलीप जायसवाल मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। वहीं चितरंगी से पहली बार विधायक बनीं राधा सिंह ने भी डॉ मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शपथ ली है। ग्वालियर चंबल अंचल का दबदबा भी मंत्रिमंडल में कायम दिखाई दे रहा है। ग्वालियर से विधायक और पहले भी मंत्री रह चुके प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। तोमर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं और उन्हीं के साथ 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। वहीं इसी क्षेत्र से नारायण सिंह कुशवाह एंदल सिंह कसाना और राकेश शुक्ला भी मंत्री पद पाने वालों में शामिल हुए हैं। हालांकि शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रहे राज्य के वरिष्ठतम विधायक गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह का नाम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है।
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