पिछले सप्ताह राजस्थान के उदयपुर में लंबे समय बाद लगातार तीन दिना कांग्रेस पार्टी के उद्धार के लिये चिंतन करने के बाद भी लगता है कि चिंतन शिविर के बाद भी कांग्रेस की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैण् ताजा मामला गुजरात से सामने आया है जहां कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैण् हार्दिक ने खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर पोस्ट कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल बीते कुछ समय से नाराज चल रहे थे। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश नेताओं के सामने अपनी नाराजगी की बात को खुलकर रखा था। इतना ही नहीं, उन्होंने केंद्रीय आलाकमान को इससे अवगत भी कराया था। लेकिन उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। इस दौरान हार्दिक ने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस व कार्यकारी अध्यक्ष का पद नाम हटा दिया था। इसके बाद से ही उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। हार्दिक ने कांग्रेस पर गुजरात विरोधी सोच होने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस सिर्फ विरोध की राजनीति कर रही है और खुद को एक विकल्प के तौर पर पेश करने में विफल रही हैण् हार्दिक ने कहा कि आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी।
हार्दिक ने ये भी कहा कि मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगाण् बता दें कि बीते कुछ दिनों से लगातार इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि हार्दिक कभी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। आने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। इसके पीछा का कारण है कि हार्दिक युवाओं में खासे लोकप्रिय थे और ऐसे में विधान सभा चुनाव के पहले उनका इस्तीफा देना कहीं ना कहीं कांग्रेस के परेशानी बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
हार्दिक ने कहा कि हम 21वीं सदी में हैं और भारत दुनिया का सबसे युवा देश हैण् हमारे देश का युवा एक मजबूत और सक्षम नेता चाहता है लोग हमेशा एक ऐसे विकल्प की तलाश में रहते हैं जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो और भारत को आगे ले जाने में सक्षम हो। अयोध्या में राम मंदिर हो, जम्मू.कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करना, जीएसटी का कार्यान्वयन, भारत लंबे समय से इन विषयों का समाधान चाहता था,कांग्रेस ने केवल एक अवरोधक की भूमिका निभाई और हमेशा केवल अवरोधक थी, बता दें कि मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार हार्दिक जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।
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