राजनीतिनामा

मध्यप्रदेश राजनीतिनामा : ” जहाँ दम वहां दल “

मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज के चुनाव और नगरीय निकाय के चुनाव अब अंतिम पड़ाव पर है जहां अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन होना है।  प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने अपने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं और किसी भी प्रकार की बगावत ना हो इसके लिए जहां एक ही दल  में 1 से अधिक दावेदार हैं वहां पर्यवेक्षकों के सामने पार्टी नेताओं की उपस्थिति में दावेदार को अपने समर्थकों की परेड कराना पड़ेगी।  जिसके साथ ज्यादा सदस्य होंगे उसे पार्टी अधिकृत करेगी । ।

दरअसल जिस तरह से वर्तमान राजनीतिक दौर में दलबदल बढ़ रही हैं उससे राजनीतिक दलों को नगर परिषद नगर पालिका नगर निगम जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों में सदस्यों के माध्यम से अध्यक्ष उपाध्यक्ष के होने वाले चुनाव में बगावत का डर सताने लगा है और ऊपर से नाम देने पर पार्टी नेताओं के बीच टिकट जैसी होड़ भी शुरू हो जाएगी इससे बचने के लिए पार्टी नया रास्ता बनाया है । जिससे दोनों ही दलों ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा स्थानीय निकाय चुनाव में नगर निगम अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन कराने हेतु पार्टी नेताओं को परीक्षक नियुक्त किया है 16 नगर 52 जिला पंचायत जनपद पंचायत एवं क्षेत्र नगरपालिका के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं

प्रदेश संगठन महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि नगरी निकाय में नगर पालिका और नगर परिषदों में जनपद पंचायत या जिला पंचायत में जहां भाजपा के 1 से ज्यादा नेता ही अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे हैं उन्हें पर्यवेक्षक के सामने साबित करना होगा कि उसके समर्थन में कितने पार्षद या जनपद के जिला सदस्य जिसके साथ संख्या ज्यादा होगी वही अध्यक्ष के लिए चुना जाएगा मसलन सागर में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हीरा सिंह राजपूत को अधिकतम जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।  शनिवार को पार्टी नेताओं की उपस्थिति में लगभग 23 सदस्यों ने हीरा सिंह राजपूत के समर्थन में मैदान में आ जाने के बाद तय हो गया है कि पार्टी की ओर से हीरा सिंह राजपूत ही सागर जिला पंचायत के अध्यक्ष होंगे राजपूत प्रदेश में एकमात्र निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे और उसके बाद से ही वह जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में रुचि ले रहे थे और अधिकांश उनके ही समर्थक चुनाव जीते हैं ।

पार्टी इस तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी दावेदारों से उनके समर्थक सदस्यों की संख्या पर्यवेक्षक के सामने कराकर जाने की और उसके बाद अधिकृत करेगी जिससे कि पार्टी के अंदर बगावत ना हो भाजपा ने लगभग 400 पर्यवेक्षक इन चुनाव के लिए नियुक्त किए हैं वही स्थानीय स्तर पर विधायकों सांसदों और मंत्रियों को भी सक्रिय कर दिया है जिससे अधिकतम स्थानों पर पार्टी कर सके वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। पिछले पंचायत चुनाव में 8 जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार लगभग आधे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए कसरत कर रही है और इसके लिए वह उन स्थानों पर ज्यादा फोकस किए हुए हैं जहां भाजपा के अधिक दावेदार है या भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी है।

पार्टी ने इसके लिए कुछ बड़े नेताओं को जिम्मेवारी सौंपी है जिसमें मुकेश नायक की जबलपुर ,महेंद्र जोशी को इंदौर ,डॉक्टर गोविंद सिंह ग्वालियर ,सज्जन शर्मा को देवास ,और एनपी प्रजापति को नरसिंहपुर भेजा गया है साथी कुछ स्थानों पर है शिक्षकों को भेजा गया है जो वहां के नेताओं के बीच तालमेल बिठाकर पार्टी की ओर से अधिकतम सदस्यों को समर्थन दिलाने वाले दावेदारों को सर्वसम्मति द्वार बनाया जा सके पार्टी को इस बात की चिंता है कि कहीं उसके सदस्य सत्तारूढ़ भाजपा के साथ चले जाएं क्योंकि भाजपा अध्यक्ष बनाने का प्रयास कर रही है राजधानी भोपाल में ही बाकी दो या तीन ही सदस्य हैं लेकिन अध्यक्ष जिला पंचायत बनाने के लिए पार्टी जोड़ तोड़ कर रही है कांग्रेस के सदस्य भूमिगत है इसके बावजूद पार्टी को तीन सदस्यों की डोलती स्थिति नजर आ रही है क्योंकि उनके परिजन भाजपा नेताओं के संपर्क में है . कुल मिलाकर स्थानीय निकाय के चुनाव में महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर तोड़ जोर चल रही है पार्टी के अंदर भी एक से अधिक दावेदार हो गए हैं यही कारण है कि पार्टी ने जहां दम वहां दल की सहमति का फार्मूला तैयार कर लिया है जिसके बाद दोनों ही दलों के दावेदार निर्दलीयों और अन्य दलों के पार्षदों सदस्यों को भी अपनी और करके पर्यवेक्षक के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए सक्रिय हो गए माना यही जा रहा है कि अब व्यक्तिगत तौर पर जोड़-तोड़ चरम पर होगी और खरीद-फरोख्त में बोली भी भर सकते हैं और बाड़ेबंदी और भी सुरक्षित की जा सकती है क्योंकि दम दिखाने का अवसर अब आ गया है।

 

देवदत्त दुबे, भोपाल ,मध्यप्रदेश 

Share this...
bharatbhvh

Recent Posts

राहुल तुम केवल गुंडे हो नेता नहीं

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पहचानने में भाजपा भूल कर गई ।…

2 days ago

मानव अधिकार उल्लंघन के ”11 मामलों में” संज्ञान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न…

4 days ago

कभी टोले से डरती है ,कभी झोले से डरती है

आजकल जैसे संसद में मुद्दों पर काम नहीं हो रहा उसी तरह मुझे भी लिखने…

5 days ago

सीएमसीएलडीपी के छात्रों ने सागर नगर की प्रतिष्ठित संस्था सीताराम रसोई का भ्रमण किया

सागर /मप्र जन अभियान परिषद् सागर विकासखंड द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के…

7 days ago

धमकियों से तो नहीं चल सकती संसद

संसद का शीत सत्र धमकियों से ठिठुरता नजर आ रहा है। इस सात्र के पास…

1 week ago

लोकसभा में पहली बार क्या बोलीं प्रियंका गांधी ?

आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपना पहला उदबोधन दिया लगभग आधा घंटे…

1 week ago